शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi | टीचर्स डे की पूरी जानकारी | Essay on Teachers Day Celebration| Why We Celebrate Teachers Day on 5th September | शिक्षक दिवस पर हिंदी में एस्से
शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi): शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) एक ऐसा समय है जो हम सभी छात्रों को अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का मौका देता है। शिक्षक अर्थात अध्यापकों का मानव जीवन को उत्कृष्ट बनाने में बहुत बड़ा योगदान है। वो शिक्षक ही हैं जो अपनी शिक्षा से समाज को डॉक्टर,इंजीनियर, आर्किटेक्ट, पुलिस , नेता आदि देता है। शिक्षक उस मजबूत आधार की तरह है जिस पर हमारी समाज रूपी विशालकाय इमारत खड़ी है। आज हम शिक्षक दिवस पर निबंध लिखेंगे। जैसा कि आप सब जानते हैं, शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को हमारे देश में मनाया जाता है और इस दिन स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इस दिन शिक्षक दिवस पर निबंध प्रतियोगिता, शिक्षक दिवस पर 10 लाइन निबंध, शिक्षक दिवस पर भाषण प्रतियोगिता, पैराग्राफ राइटिंग, शिक्षक दिवस पर ड्राइंग प्रतियोगिता आदि का आयोजन होता है। आज के इस Teachers Day Essay in Hindi से आप इन सभी प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं और साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि “शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?”, “शिक्षक दिवस का क्या महत्त्व है?”, “शिक्षक दिवस पर शिक्षक को क्या बोलना चाहिए?” और “5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?” आदि। तो आये शुरू करते हैं, शिक्षक दिवस पर निबंध हिन्दी में:
शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Hindi Essay)
प्रस्तावना
गुरु शिष्य परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। दुनिया में माता-पिता के बाद सबसे बड़ा कोई रिश्ता होता है तो वह गुरु शिष्य का होता है। खासकर इसे भारतीय संस्कृति में अनमोल माना जाता है। हमारे जीवन को संवारने में तथा ज्ञान का पाठ पढ़ाने में शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जीवन के हर पड़ाव में गुरु का ज्ञान हमारे लिए सहयोगी होता है। जीवन का असली अर्थ गुरु से ही सीखने को मिलता है। उन्हीं के सम्मान में हम हर साल शिक्षक दिवस मनाते हैं। यह दिन गुरुओं को समर्पित होता है। गुरु से ही हमें ज्ञान ,कौशल, विश्वास, आत्मनिर्भरता आदि की प्राप्ति होती है। हमें जन्म मां देती है पर हमें ज्ञान का पाठ पढ़ा कर इस संसार में जीने योग्य इंसान गुरु बनाते हैं। गुरु ही हमारे जीवन को आकार देते हैं।
शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे। जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन किया। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और अपने जन्मदिन पर हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। तभी से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके जन्म दिवस पर याद करने के लिए हर साल पूरे भारत में राष्ट्रीय स्तर पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक को परिभाषित करना असंभव है क्योंकि शिक्षक केवल छात्रों को पढ़ाने या उनकी मार्गदर्शन करने तक ही सीमित नहीं है। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन में वास्तविक कुम्हार होते हैं। वह न केवल विद्यार्थी के जीवन को आकार देते हैं बल्कि उन्हें इस काबिल बनाते हैं कि वह पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाशित रहे।
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को बधाई देने के लिए तरह-तरह की योजना बनाते हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, इंस्टीट्यूट सहित अलग-अलग संस्थाओं में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पूरे भारत में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम बड़ी उत्साह तथा धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थियों अपने पसंदीदा शिक्षकों की वेशभूषा धारण करके उनके प्रति सम्मान भी प्रकट करते हैं तथा उनका अनुसरण करते हैं। सभी छात्र शिक्षकों का सम्मान करते हुए उन्हें फूलों का गुलदस्ता, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड, कलम आदि भिन्न-भिन्न प्रकार के उपहार भी देते हैं। बच्चे अपने शिक्षक के लिए नाटक तथा नृत्य के कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं। उनके लिए भाषण भी तैयार करते हैं तथा शायरी भी बोलते हैं। भारत सरकार द्वारा कुछ विशेष शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया जाता है। इस प्रकार सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों को दिल से धन्यवाद करते हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व
“गुरु गोविंद दोऊ खड़े,
काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपने,
गोविंद दियो बताए।।”
शिक्षक दिवस किसी भी विद्यार्थी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। दुनिया का सबसे कठिन काम है शिक्षण। क्योंकि एक शिक्षक के ऊपर कई छात्रों का भविष्य निर्भर करता है और उसकी जिम्मेदारी होती है कि प्रत्येक छात्र के भविष्य का निर्माण करें। जैसा कि हम जानते हैं प्रत्येक छात्र में अलग-अलग प्रकार की क्षमता होती है। उनके सोचने का तरीका अलग होता है। ऐसे में शिक्षक को प्रत्येक छात्र की क्षमता के अनुसार उनके करियर को बनाने के लिए योजना पर काम करना पड़ता है। इसलिए शिक्षक का काम आसान नहीं होता है। हमारे जीवन के प्रत्येक मोड़ पर कोई न कोई शिक्षक की अहम् भूमिका निभाता है। हमारे जीवन में शिक्षक का बहुत ही बड़ा स्थान है। वास्तव में देखा जाए तो गुरु को ईश्वर के समान ही दर्जा प्राप्त होता है। उसका स्थान सदैव आदरणीय ही रहेगा। बच्चे का भविष्य और वर्तमान दोनों ही एक शिक्षक बनाता है। जीवन भर अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करके एक अच्छे समाज को बढ़ावा देता है इसलिए देश के भविष्य और युवाओं के जीवन की जिम्मेदारी शिक्षक को ही दी जाती है।
शिक्षक दिवस का उद्देश्य
शिक्षक दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के जीवन को सही दिशा देने वाले देश के सभी गुरु और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को सम्मान देना है। इसके साथ ही भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षकों के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। हर एक सफल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ होता है। वह व्यक्ति अपने शिक्षक के बताए रास्ते पर चलकर अपनी सफलता प्राप्त करता है। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बहुत ही महत्व होता है अतः हम सभी को शिक्षकों के सम्मान, उनके प्रयास और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए और उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए।
उपसंहार
गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है। जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करता है। किंतु वर्तमान समय में गुरु शिष्य का रिश्ता महज औपचारिकता बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय सिर्फ एक पेशा बन चुका है।, जिसमें तमाम शिक्षक पैसों की लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं। जिससे शिक्षक और शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है। छात्रों और शिक्षकों दोनों का फर्ज है कि इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। शिक्षक दिवस शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलाता है। इसलिए शिक्षक दिवस गुरु शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
“शिक्षक है युग के निर्माता।
छात्र राष्ट्र के भाग्य विधाता।।”