राजा राममोहन राय पर 10 लाइन 2023: 10 Lines on Raja Ram Mohan Roy in Hindi
राजा राममोहन राय पर 10 लाइन निबंध | 10 Points on Raja Ram Mohan Roy in Hindi | राजा राममोहन राय पर लेख | 10 Lines on Raja Ram Mohan Roy
राजा राममोहन राय पर 10 लाइन / वाक्य: 10 Lines on Raja Ram Mohan Roy हिंदी में लिखने को अक्सर विभिन्न कक्षाओं में पूछा जाता है। आज राजा राममोहन राय पर 10 लाइन निबंध लिखेंगे जिससे आप सब को राजा राममोहन राय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। यह लघु निबंध विभिन्न कक्षाओं जैसे Class 1, Class 2, Class 3, Class 4 और Class 5 में भी राजा राममोहन राय पर पैराग्राफ या निबंध लेख लिखने में आपकी मदद करेगा। आइये शुरू करते हैं 10 Points on Raja Ram Mohan Roy in Hindi !
राजा राममोहन राय पर 10 लाइन (10 Lines on Raja Ram Mohan Roy in Hindi)
- राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- राजा राममोहन राय भारत के एक महान समाज सुधारक थे।
- उन्हें आधुनिक भारत का जनक भी कहा जाता है।
- वह एक प्रखर पत्रकार भी थे
- राजा राम मोहन के पिता का नाम रमाकांत तथा माता का नाम तारिणी देवी था।
- राजा राममोहन राय ने ही सती प्रथा का अन्त किया था।
- ईस्ट इंडिया कंपनी की नौकरी छोड़कर वह राष्ट्र सेवा और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।
- बाल-विवाह, सती प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, पर्दा प्रथा आदि का राजा राममोहन राय भरपूर ने विरोध किया।
- राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की तथा विदेश (इंग्लैण्ड तथा फ़्रांस) भ्रमण भी किया।
- 27 सितम्बर 1833 को राजा राम मोहन राय का निधन हो गया था।
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राजा राममोहन राय पर निबंध (Essay on Raja Ram Mohan Roy 150 – 250 words)
राजा राममोहन राय, भारतीय समाज के महान समाज सुधारकों में से एक थे, जिन्होंने भारतीय समाज को पुनर्जागरण और शिक्षा के माध्यम से प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे सन् 1772 में बंगाल के एक छोटे से गांव में जन्मे थे। 15 वर्ष की आयु तक उन्हें बंगाली, संस्कृत, अरबी तथा फ़ारसी भाषा का अच्छा ज्ञान हो गया था। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने आधुनिक विचार, लेखन क्षमता, साहस और देश प्रेम के लिए योगदान दिया। यही कारण है कि उन्हें आधुनिक भारत का जनक भी कहा जाता है।
राममोहन राय ने सती प्रथा, बाल विवाह, और अन्य कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और उन्हें समाज से बाहर करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने ब्राह्म समाज नामक सामाजिक संगठन की स्थापना की, जो मूलत: समाज में सामाजिक बदलाव की दिशा में काम करता था।
उन्हे मालूम था कि अच्छी शिक्षा से समाज की कुरीतियों को ख़त्म किया जा सकता है। उन्होंने ने विशेष रूप से संस्कृत और वेदों के ज्ञान को महत्वपूर्ण तरीके से प्रोत्साहित किया ताकि वह सभी तक पहुंच सके। उन्होंने महिलाओं के शिक्षा के प्रति भी विशेष ध्यान दिया और उनके लिए समाज में सुधार के उपायों की ओर पहल किया। उनके योगदान ने भारतीय समाज को मानवाधिकार, समाजिक उत्थान और शिक्षा की महत्वपूर्णता की दिशा में प्रेरित किया।