भारत के राष्ट्रीय प्रतीक पर 10 वाक्य निबंध (Short Essay on National Emblem in Hindi)
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध 10 लाइन (Set -1)
- भारत का राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) अशोक स्तम्भ है।
- भारत का राष्ट्रीय चिन्ह वाराणसी के सारनाथ में स्थित राष्ट्रीय स्तंभ के शीर्ष भाग से लिया गया है।
- इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं।
- इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं।
- 26 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रीय प्रतीक (चिन्ह) घोषित किया गया।
- इस प्रतीक में केवल तीन शेर ही दिखाई देते है और चौथा शेर छिपा रहता है, जो चित्र में दिखाई नहीं देता है।
- शेरों के ठीक नीचे अशोक चक्र बना है जिसके बायीं तरफ एक घोड़ा और दाहिने तरफ एक बैल चित्रित है।
- उसके ठीक नीचे “सत्यमेव जयते” देवनागरी लिपि में लिखा है जिसका मतलब है कि सत्य की हमेशा विजय होती है।
- राष्ट्रीय प्रतीक को देश के विभिन्न सरकारी दस्तावेजों में प्रयोग किया जाता है।
- राष्ट्रीय प्रतीक हमारे देश के मुद्रा पर भी मुद्रित होता है।
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध 10 लाइन (Set – 2)
- भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ है।
- भारत का राष्ट्रीय प्रतीक देश की संप्रभुता और एकता का प्रतीक है।
- यह सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है, जो एक बलुआ पत्थर की मूर्ति है जो मौर्य काल (लगभग 250 ईसा पूर्व) की है।
- इस प्रतीक में चार शेरों को चारों दिशाओं में खड़ा दर्शाया गया है, जो शक्ति, साहस, गौरव और आत्मविश्वास का प्रतीक हैं।
- इसमें 24-तीली वाला अशोक चक्र भी शामिल है, जो धार्मिक सहिष्णुता और प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।
- राष्ट्रीय प्रतीक के आधार पर देवनागरी लिपि में शिलालेख है जिसमें लिखा है “सत्यमेव जयते,” जिसका अर्थ है “सत्य की ही जीत होती है।”
- राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग आधिकारिक दस्तावेजों, सरकारी मुहरों और अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रतीकों पर किया जाता है।
- इसका ऐतिहासिक महत्व और कलात्मक शिल्प कौशल इसे भारत की समृद्ध विरासत और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रतिष्ठित प्रतीक बनाता है।
- इस प्रतीक को 26 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया था, जिस दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था।
- यह देश के इतिहास और आकांक्षाओं की याद दिलाता है, यह विविधता में एकता की भावना का प्रतीक है।