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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में | 15 अगस्त पर निबंध | Essay on Independence Day in Hindi | Essay on 15 August in Hindi | Independence Day Essay in Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व सभी देशवासियों के लिए एक सामान होता है। हम सभी 15 अगस्त के दिन गर्व का अनुभव करते हैं। हम सभी के ह्रदय में अपने अनगिनत स्वतंत्रता सैनानियों के लिए कृतज्ञता का भाव होता है, जिन्होंने अपना जीवन हमारी भारत माता को अंगेज़ी हुकूमत से आज़ाद करने के लिए न्योछावर कर दिया। अब जबकि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और हमारे देश भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल से भी ज़्यादा हो गए हैं, हमारा कर्त्तव्य है कि आज की युवा पीढ़ी को और बच्चों को अपनी स्वतंत्रता का महत्त्व समजायें और भारत के उन महँ विभूतियों के बारे में अवगत करायें जिनके अथक प्रयासों के कारण आज हम स्वतंत्र हैं। इसीलिए हमारे स्कूल के पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, नाटक मंचन, भाषण तथा फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता को शामिल किया गया है। आज हम अपने Curious Kids Kingdom के पाठको को “स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लेखन” सिखाएंगे। आप जानेंगे की “भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें?”
हमारा प्रयास है कि स्वतंत्रता दिवस पर जो भी प्रश्न हो उसका उत्तर देने के लिए आप सक्षम बने। हमारी टीम ने कुछ प्रमुख रूप से प्रश्नो की लिस्ट तैयार की है। आइये पहले देखते हैं कि किस प्रकार के प्रश्न पूछे आपसे पूछे जा सकते हैं ?
Independence Day Essay Writing Related Questions:
- स्वतंत्रता दिवस का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 600 शब्दों में लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 150 शब्दों में लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 10 लाइन लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 250 शब्द लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में लिखें?
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध in Hindi लिखें?
- 15 अगस्त पर निबंध कैसे लिखे?
- 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में लिखें?
- 15 अगस्त पर निबंध लिखिए?
- 15 अगस्त के बारे में क्या लिखें?
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 150-200 शब्द (Essay on Independence Day in Hindi)
भारतीय स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत के आज़ाद होने की ख़ुशी तो देता ही है इसके साथी ही हमें उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने देश के लिए अपने जीवन न्योछावरकर दिया। 15 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाकर हम उनकी महानता, साहस और देशभक्ति को सलाम करते हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भारतीयों ने एकजुट होकर अपने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेकर आज़ाद, बिपिन चंद्रपाल, रानी लक्ष्मीबाई आदि के नेतृत्व में हमारे वीर योद्धाओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ जंग लड़ी। उनका संघर्ष और त्याग हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने में सफल रहा।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे देश की आज़ादी कितनी मूल्यवान है। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करके देश के विकास में योगदान देना चाहिए। स्वतंत्रता की महानता को समझते हुए, हमें आज भी समाज में जाति, धर्म और लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव को कम करने का प्रयास करना चाहिए। हमें समाज में समानता और एकता के महत्व को समझना चाहिए ताकि हमारे देश का विकास और सुधार सही दिशा में और तेज़ी से हो सके।
इस 77वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर, हम अपने वीर स्वतंत्रता सैनानियों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी कुर्बानी को सलाम करते हैं। हम यह मानते है कि हम उनके ऋणी हैं और हम यह ऋण अपने देश को और ज़्यादा शक्तिशाली, समृद्ध बनाने के साथ ही इसे फिर से विश्व गुरु बनाकर चुकाएंगे।
भारत माता की जय!
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300-400 शब्द (Essay on Independence Day in Hindi)
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प्रस्तावना:
स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो 15 अगस्त को प्रतिवर्ष महा उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन ही हमारा देश भारत, अंग्रेज़ो की पराधीनता से मुक्त होकर आज़ाद हुआ था। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किस प्रकार से हमारे वीर पूर्वजों ने दृढ़ विश्वास, संकल्प और महान संघर्ष करके अपने देश को आज़ादी दिलाई थी।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम:
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम उन सभी लोगो का हाथ है जिन्होंने अपना घर परिवार त्याग कर, अपना सर्वस्व न्योछावर करके, यहाँ तक कि अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर भी हमारे देश को स्वतंत्र कराया। गांधीजी के अग्रणी नेतृत्व में सत्याग्रह और अहिंसा की बात ने लाखों भारतीयों को एकजुट किया और उन्हें स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित किया। इसकी के साथ नेता जी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंदशेखर आज़ाद आदि देश के सपूतों के नेतृत्व में लाखों भारतियों ने ब्रिटिश हुकूमत के ईंट से ईंट बजा दिए। यह दिखाता है कि विश्वास और संकल्प के साथ हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
स्वतंत्रता का महत्व:
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों का अटल संकल्प था कि वे अपने देश को आज़ाद करेंगे, चाहे वो जीवन में कितनी भी मुश्किलें हो। उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने सपनों को कभी भी कमजोर नहीं होने दिया। 1947 में हम भारतीयों को आज़ादी मिली, लेकिन वो आज़ादी सिर्फ एक दिन की बात नहीं थी, बल्कि एक नये युग की शुरुआत की थी। नये भारत के निर्माण में हर व्यक्ति की भागीदारी थी, और वो भागीदारी आज भी हमें आगे बढ़ने की सामर्थ्य प्रदान करती है।
स्वतंत्रता का महत्व सिर्फ एक राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं है, बल्कि यह हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी गहरा प्रभाव डालता है। हमारी आज़ादी का मान और महत्व बरकरार रखने के लिएहम सभी भारतवासियों को देश के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए।
निष्कर्ष:
भारतीय स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमे स्वतंत्रता किस क़ीमत पर मिली है और हमें इसकी रक्षा के लिए हमे कितना सजग और प्रयासशील रहा चाहिए। हमें अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और स्वतंत्रता दिलाने वाले उन सभी महान वीरों का सम्मान करना चाहिए। आओ, हम सब मिलकर एक सशक्त, समृद्ध और सुदृढ़ भारत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
जय हिंद, जय भारत!
15 अगस्त पर 10 लाइन निबंध हिंदी में | 10 Lines Essay on 15 August in Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 800-1000 शब्द (Essay on Independence Day in Hindi)
आइये शुरू करतें हैं भारत के स्वतंत्रता दिवस पर एक प्रभावशाली निबंध लेखन (Essay on Independence Day 2023 in Hindi):
प्रस्तावना
स्वतंत्रता दिवस, हमारे भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। 15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथि है जिसे हमारे देश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। यह भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिए आजादी हासिल की थी| भारत की आजादी के साथ ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव, पंडित जवाहरलाल नेहरू के रूप में किया, जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे झंडे को पहली बार फहराया। इस दिन भारत के उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सैनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत आजाद हुआ।
स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने की प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रियों ने भी आगे बढ़ाया, जहां झंडारोहण परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम हर साल आयोजित किये जाते हैं। कई लोग इस भारतीय राष्ट्रीय पर्व के दिन अपने वस्त्रों पर, घर तथा कार्यालयों पर झंडा लगाते हैं। स्वतंत्रता दिवस को मनाने का अर्थ केवल औपचारिक तौर पर ध्वजारोहण करना नहीं है अपितु स्वतंत्रता के महत्व को समझाने और शहीदों के योगदान का स्मरण करना भी है।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
अंग्रेजों का आगमन भारत में 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश इंडिया कंपनी के रूप में हुआ था। उनका मुख्य उद्देश्य भारत में अपना व्यापार स्थापित करना था। धीरे-धीरे उन्होंने भारत में अपना व्यापार स्थापित कर लिया और बहुत से भारतीय राजाओं को युद्ध में पराजित करके सभी प्रांतो पर अपना शासन पूर्ण रूप से जमा लिया। वर्ष 1757 में भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत हुई जिसके बाद प्लासी के युद्ध में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई और अंग्रेज़ो ने हमारे देश पर नियंत्रण प्राप्त किया लिया। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में लगभग 100 वर्षों तक हुकूमत किया। भारत में ब्रिटिश सरकार का राज भारत में चलने लगा। अपने ही देश में भारतीय गुलाम बन कर रह गए जो ब्रिटिश हुकूमत के आदेशों का पालन करने के लिए मजबूर थे। हमारी स्वतंत्रता की मांग को लेकर कई स्वतंत्रता सेनानियों ने आवाज उठाई ,महात्मा गांधी, भगत सिंह,सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद ,लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, सरदार वल्लभभाई पटेल ,खुदीराम बोस, सुखदेव, लाला लाजपत राय समेत हजारों सेनानियों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाकर आखिरकार अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया। अंत में 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारतवासियों ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस लिया।
“लड़े वीर जवानों की तरह;
ठंडा खून फौलाद हुआ,
मरते मरते भी मार गिराए,
तभी तो देश आजाद हुआ”
भारतीय स्वतंत्रता में महिलाओं का योगदान
भारत वीर और वीरांगनाओं दोनों की धरती है। यहां आजादी की लड़ाई में महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और अनेकों महिलाओं ने अपना बलिदान भी दिया था। रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेन्नम्मा, बेगम हजरत महल, एनी बेसेंट, सुचेता कृपलानी, अरूणा आसफ अली, कमला नेहरू ,डॉ लक्ष्मी सहगल, रानी गैदिनल्यू, दुर्गा भाभी, रानी वेलु नचियार और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भारतीय महिलाओं का योगदान इसलिए भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उनका सामाजिक उत्थान हुए बहुत लंबा समय नहीं हुआ था। महिलाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में साहस, सहिष्णुता और वीरता से अपनी भूमिका निभाई, चाहे घर में हो या राजनीति में।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति और गर्व का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी कठिनाइयों का सामना करके हमें स्वतंत्र और आजाद देश में जन्म दिया है। इस दिन हमें अपने देश के लिए समर्पित और संघर्षशील रहने की प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही 15 अगस्त का दिन युवा पीढ़ी को आजादी का महत्व और देश के प्रति अपना कर्तव्य समझाने का भी दिन है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता लोगों के त्याग और संघर्ष की वजह से है। इसलिए, हमें स्वतंत्रता दिवस पर अपने देश के प्रति आपनी भावनाओं को समर्पित करना चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमें एक-दूसरे के साथ एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाने का अवसर भी देता है। इस दिन हमें देशभक्ति, स्वाधीनता और सामरिक भावना के महत्व को समझना चाहिए और इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने देश के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और उसकी उन्नति में योगदान देना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है? स्वतंत्रता दिवस पर गतिविधियां/ आजादी का जश्न
“जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।”
स्वतंत्र भारत में जश्न-ए -आज़ादी अर्थात राष्ट्रीय पर्व को मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है और साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिया गया भाषण तथा लाल किले पर किए जाने वाले सभी कार्यक्रम टीवी पर लाइव प्रसारण किए जाते हैं। इस भाषण को पूरा देश अपने रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से सुनता है।
हमारे स्कूल और कॉलेज में भी विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। इसकी तैयारी हफ्ते भर शुरू हो जाती है। विद्यार्थी अत्यंत उत्साह और उमंग के साथ भारत का स्वतंत्रता दिवस बनाते हैं। छात्र-छात्राएं कई दिनों पहले से प्रैक्टिस में जुट जाते हैं। कोई स्वतंत्रता दिवस पर शायरी करता है, तो कोई कविता पाठ। कोई स्वतंत्रता दिवस पर भाषण की तैयारी में लग जाता है तो कोई स्वतंत्रता सैनानियों की वेशभूषा में नाटक मंचन का अभ्यास करता है। विभिन्न प्रकार के खेलों का भी स्वतंत्रतता दिवस पर होता है। यह दिन सभी भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, हम इसे बड़े ही जोश और धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन निजी और सरकारी दोनों संगठनों द्वारा मनाया जाता है।
बाजारों में भी स्वतंत्रता दिवस के लिए रौनक दिखाई पड़ती है। कहीं तिरंगे के तीन रंगों वाली रंगोली दिखती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें, यहाँ तक की तिरंगे झंडे के रंगो वाली मिठाईयां भी मिलने लगती हैं। पूरा भारत मानो इन तीन केसरिया, सफ़ेद और हरा रंगों में समा जाता है। हर जगह खुशी का माहौल होता है। देशभक्ति गीतों की झंकार के साथ पूरा देश नाच-गाकर आज़ादी का यह उत्सव मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एकजुट हो जाता है वह भी ऐसे कि क्या हिंदू, क्या मुसलमान, क्या सिख क्या ईसाई, कोई भेद ही नज़र नहीं आता है। प्रत्येक स्थान पर हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। तिरंगा झंडा फहराया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।
निष्कर्ष/ उपसंहार
भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, जाति, परंपरा और संस्कृति के साथ रहते हैं। स्वतंत्रता की लड़ाई ने हर भारतीय को एक साथ किया। चाहे वह किसी भी धर्म,जाति, संप्रदाय और परंपरा को मानने वाला हो। इस दिन भारतीय होने के नाते हमें गर्व करना चाहिए और यह प्रण करना चाहिए कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सदा देशभक्ति से पूर्ण और तत्पर रहेंगे। हम अपने भारत को फिर से “सोने की चिड़िया” बनाएँगे। प्रत्येक भारतवासी को यह भी वचन लेना चाहिए कि हम “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया“ को सार्थक करेंगे और उसको विश्व गुरु बनाकर सम्पूर्ण विश्व और मानवजाति का विकास करेंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 600-800 शब्दों में | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में (Essay on Independence Day in Hindi)
प्रस्तावना
15 अगस्त 1947 के दिन हमारे देश भारत को अंग्रेजी शासन से आजादी मिली थी। यही कारण है कि हर साल 15 अगस्तको हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत देश का राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन को हर भारतीय नागरिक हर्षोल्लास से मनाता है।
स्वतंत्रता दिवस मनाने का कारण (स्वतंत्रता दिवस क्यों मानते हैं?)
15 अगस्त, 1947 का दिन भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा है। यह भारत की स्वतंत्रता का पहला दिन था। इस दिन भारत को 200 साल के अंग्रेजी शासन से आजादी मिली, यानी मिट्टी, धूल, नदियां, पहाड़, जंगल, आबोहवा और बच्चा-बच्चा सब आजाद हुए। भारत का कण-कण स्वतंत्र हो गए। लेकिन इस एक आजादी को पाने के लिए हमें बहुत समय लगा। इस आजादी को हासिल करने के लिए अनेकों लोगो ने संघर्ष किया, अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों का सामना किया, चोट खाई, शहीद हुए, कइयों ने मुस्कुराते हुए फांसी के फंदे को अपने गले से लगा लिया, और कई ने अपना पूरा जीवन, अपनी पूरी जवानी इसके लिए त्याग कर दी। भारत माँ के इन सच्चे सपूतों ने स्वतंत्रता का सपना साकार किया। भारत की के वीर सपूतों के इसी उत्साह की वजह से आज हम खुली हवा में तिरंगे को लहराते हुए देख सकते हैं। 15 अगस्त, 1947 का नाम सुनते ही हर भारतीय गर्व से झूम उठता है। उन्ही वीर स्वतंत्रता सैनानियों के सम्मान में और आज़ादी की ख़ुशी में हम सब 15 अगस्त मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस समारोह कैसे मनाया जाता है?
यूँ तो पूरे भारत में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिंन भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी रौनक अलग ही दिखती है। यहाँ भारत सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस का विशेष आयोजन होता है। दिल्ली का लाल किला इस उत्सव को मनाने का मुख्य स्थान होता है। लाल किले के प्राचीर पर देश ले प्रधानमन्त्री, देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। भारतीय जल, थल और वायु सेना तिरंगे को 21 तोपों की सलामी देती है फिर प्रधानमंत्री लाल किले से भारत देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। देशवासियों को सन्देश के बाद, राष्ट्रगान होता है। राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम समाप्त हो गया। स्वतंत्रता दिवस वाले दिन भारत के सभी राज्यों के कॉलेज और स्कूलों में झण्डा फहराया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। विद्यार्थियों के बीच स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, निबंध, कविता पाठ, नाटक प्रतियोगिता आदि का आयोजन भी होता है। स्वतंत्रता दिवस की खुशी बच्चो को मिठाईया भी बाटी जाती है। आज के दिन पूरे भारत में अवकाश रहता है।
स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास
17वीं शताब्दी से ही यूरोपीय व्यापारियों ने भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना शुरू कर दिया था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाते हुए 18वीं सदी के अंत तक स्थानीय राज्यों को अपने अधीन कर अपना राज्य स्थापित कर लिया था। 1857 में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम, 1858 के अनुसार ब्रिटिश क्राउन यानी ब्रिटेन की राजशाही का भारत पर सीधा अधिकार हो गया। दशकों में नागरिक समाज धीरे-धीरे विकसित हुआ और परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के बाद के काल को ब्रिटिश सुधारों के काल के रूप में जाना जाता है जिसमें मोंटागु-चेम्सफोर्ड सुधारों को गिना जाता है लेकिन इसे रोलेट एक्ट की तरह एक दमनकारी अधिनियम के रूप में भी देखा जाता है जिसके कारण भारतीय समाज सुधारकों द्वारा स्वशासन की अपील की गई। इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों और देशव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शुरुआत हुई।
1930 के दशक के दौरान ब्रिटिश कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहा; परिणामी चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई। अगले दशक को काफी राजनीतिक उथल-पुथल से चिह्नित किया गया: द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी, कांग्रेस द्वारा असहयोग का अंतिम निर्णय, और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय। 1947 में आज़ादी के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ गया। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के साथ ही इस उपमहाद्वीप से ब्रिटिश राज का अंत हो गया।
भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी
भारत देश को अंग्रेजो के शासन से आज़ादी दिलाने के संघर्ष में अनेकों वीर योद्धाओं का योगदान रहा किनमे महिलाएं भी शामिल थी। उनमें से कई लोगों ने भारत को अंग्रेजों के अत्याचारी शासन से मुक्त कराने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। भारत के मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों में महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, रानी लक्ष्मीबाई, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सरदार भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, गोपाल कृष्ण गोखले, चंद्रशेखर आजाद, डॉ. बी आर अम्बेडकर, लाला लाजपत राय आदि शामिल थे।
निष्कर्ष
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का यह दिन भारत में रहने वाले सभी जाति, पंथ, धर्म, लिंग समुदाय के लोग एक साथ मिलकर बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन, एक भारतीय होने के नाते, हमें गर्व होना चाहिए और वादा करना चाहिए कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। भारत देश को आगे बढ़ाने के प्रयास में हम सदैव अपना योगदान देंगे। इस दिन हम शपथ लेते हैं कि हम भारत की अखंडता को सदैव कायम रखेंगे और अपनी मातृभूमि पर कभी कोई आंच नहीं आने देंगे, “जय हिंद जय भारत”।
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स्वतंत्रता दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (faq)
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हमारा भारत देश कब आजाद हुआ था ?
15 अगस्त 1947, को हमारा भारत आजाद हुआ था।
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स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा कौन फहराता है?
भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झण्डा फहरातें हैं।
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स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
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भारत के राष्ट्रीय पर्व कौन कौन से हैं?
भारत के 3 राष्ट्रीय पर्व हैं: स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, और गाँधी जयंती।