दीपावली पर निबंध | दिवाली पर निबंध हिंदी में | Essay on Diwali in Hindi | Why We Celebrate Diwali? | How to write essay on Diwali
दीपावली पर निबंध हिंदी में (Essay on Diwali in Hindi): भारत का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली है। भारत में हर साल यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों में भी दीपावली पर निबंध प्रतियोगिता, दीपावली पर 10 लाइन निबंध, दीपावली पर पैराग्राफ राइटिंग, दीपावली पर ड्राइंग प्रतियोगिता आदि का आयोजन होता है। विभिन्न परीक्षाओं में भी दीपावली पर निबंध लिखने को आता है। आज के इस Diwali Essay in Hindi से आप इन सभी प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं और साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि दिवाली पर निबंध कैसे लिखा जाता है? दीपावली क्यों मनायी जाती है?, सरल शब्दों में दीपावली क्या है?, दीपावली के लिए क्या लिखें? और दीपावली पर प्रस्तावना कैसे लिखे? आदि। तो आये शुरू करते हैं, दीपावली पर निबंध, Essay on Diwali in Hindi!
दीपावली पर निबंध हिंदी में (Essay on Deepawali in 500 – 700 Words)
प्रस्तावना
दीपावली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साह और धूमधाम से प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली संस्कृत के 2 शब्दों ‘ दीप’+’ ‘आवली’ से मिलकर बना है। दीप का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा आवली का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’। जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या पंक्ति। दीपावली प्रकाश का पर्व है। इस दिन सभी के घरों में घी अथवा तेल के दीपक जलाए जाते हैं, मोमबत्तियां जलाई जाती है तथा विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी लाइट लगाई जाती है। साथ ही पटाखे, फुलझड़ी आदि जलाए जाते हैं। बच्चे, युवा तथा सभी वर्ग के लोग इस त्योहार को बेहद पसंद करते हैं। यह त्योहार सभी के लिए ढेर सारी खुशियां और आनंद का पल लेकर आता है। इस दिन सभी अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं तथा एक दूसरे को मिठाइयां खिलाते हैं।
दीपावली के दिन लक्ष्मी जी तथा गणेश जी की पूजा होती है। इसलिए उनकी आगमन और स्वागत के लिए घरों की सफाई की जाती है और उसे सजाया भी जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम, रावण को पराजित करके, और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। भगवान श्रीराम की आने की खुशी में सभी अयोध्यावासियों ने दिए जलाए थे। तब से लेकर आज तक हर वर्ष इस दिन को दिवाली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
दीपावली का महत्व
दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलजुल कर मनाया जाता है। “धर्म की अधर्म पर विजय” का सूचक यह त्योहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। इस त्योहार पर नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि मां लक्ष्मी को धन समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दिवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीदारी होती है साथ ही साथ नए वस्त्र, मिठाई और पटाखों की भी खूब बिक्री होती है। इस दौरान हर जगह खूब चहल-पहल देखने को मिलती है। आपसी भाईचारा और प्रेम के संदेश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। सभी लोगों में इस त्योहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों और दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व ही शुरु कर देते हैं। इस दिन हर घर के आंगन में सुंदर रंगोली बनाई जाती है तथा तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं। “अंधकार पर प्रकाश” की जीत यह त्यौहार समाज में उल्लास भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।
दीपावली पर ध्यान रखने योग्य बातें
दीपावली पर लोग विभिन्न प्रकार के पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने की वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार की धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण ख्याल रखना चाहिए। पटाखों की आवाज से बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज परेशानियों का सामना करते हैं, इसके अलावा बेजुबान जानवर भी बहुत अधिक डरते हैं, इसके साथ ही दिवाली के दौरान प्रदूषण की वृद्धि हो जाती है। दीपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की वृद्वि होती है इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं किंतु यह व्यवहार उचित नहीं है। दिवाली खुशियों का त्योहार है अतः हम सभी को समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह ध्यान देना चाहिए कि हमारी मस्ती और आनंद की वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट ना होने पाए।
दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
- दीपावली का उत्सव 5 दिनों का होता है इनमें सबसे पहले धनतेरस मनाई जाती है। यह दिपावली से 2 दिन पहले मनाई जाती है। धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी तथा अन्य प्रकार की धातु की वस्तुऐं तथा आभूषण खरीदते हैं।
- दीपावली के एक दिन पहले का दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इसे लोग छोटी दीपावली भी कहते हैं।
- तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा होती है|
- दीपावली के बाद दूसरे दिन गोवर्धन जी की पूजा होती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था।
- दीपावली त्यौहार का आखिरी दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है। यह भाई बहन का त्यौहार होता है।
उपसंहार
दीपावली स्वयं के अंदर का अंधकार मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। दीपावली के त्योहार का अर्थ प्रेम और सुख समृद्धि से है ना कि पटाखों और बेफिजूल के प्रदूषण से। वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार के आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके कारण वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित हो रहा है और इसका खामियाजा हमारे आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना पड़ेगा। इसलिए हमें दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल कम करना होगा। ऐसे पटाखे जलाने होंगे जिसकी आवाज धीमी हो और धुआं काम हो। दीपावली के त्यौहार पर हमारे द्वारा किए गए यह छोटे छोटे कार्य बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। दीपावली के दिन कई लोग घर में जुआ और शराब का भी सेवन करते हैं जो इस महान पर्व के लिए कलंक के समान है। हमें दीपावली त्योहार को हर्षोल्लास और पवित्र तौर पर मनाना चाहिए ना कि ऐसी कुरीतियों को बढ़ावा देना चाहिए।
नीचे दीपावली पर निबंध (Essay on Diwali) का एक और सेट दिया गया है, कृपया उसे भी पढ़ें।
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दीपावली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi (700-1000 Words)
प्रस्तावना
हिंदू धर्म में दिवाली का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के अमावस्या के दिन धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का अर्थ है दीपों की पंक्ति और इस दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है। असंख्य दीपों की जलती हुई लड़ियों से पूरा वातावरण चमक उठता है। घर-घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपनी शत्रुता भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और प्यार बाँटते हैं।
दीपवाली के दिन बच्चे बहुत खुश होते हैं। वो रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने के लिए तैयारी पहले से ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को रंग-बिरंगे बल्बों से सजाते हैं और साफ-सफाई करते हैं।
दीपावली का ऐतिहासिक महत्त्व
दीपों का पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। दीपावली का अर्थ है दीपों की अवलि (पंक्तियाँ)। इसे कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। अंधेरी रात में दीये जलाकर मनायी जाने वाली दीपावली के पीछे कई ऐतिहासिक कारण और कथाएं हैं। सबसे अधिक प्रचलित कारणों में से एक यह है क़ी भगवान राम कार्तिक अमावस्या को चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण का दमन करके अयोध्या लौटे थे, जहां लोगों ने उनका स्वागत करने के लिए असंख्य दिये जलाकर उत्सव मनाया था। अन्य कारणों में एक कारण है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने क्रूर नरकासुर को मार डाला। इसलिए जनता ने इस दिन खुशी से घी के दीपक जलाए थे और उत्सव मनाया था।
वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व
दिवाली का वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। दिवाली आने से पहले लोग घरों को सफाई करना शुरू कर देते हैं। वे दुकानों और घरों में नए रंग रोगन करवाते हैं। घर के कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी इससे नष्ट हो जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में इस साफ़ सफाई की यह प्रक्रिया वर्षा ऋतु से निकलने वाले कीड़े, मकोड़े और जमा जल, घास-फूस और गंदगी के सड़ने से निकलने वाली विषैली गैस को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण हैं।
दिवाली के दिन सरसों और घी का दीपक जलाया जाता है। इससे वातावरण भी शुद्ध हो जाता है।
व्यवसायिक महत्व
दिवाली के दिन व्यवसायी लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय को आरंभ करना शुभ माना जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है और यह समय यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए अनुकूल माना जाता है। इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है और उन्हें इसी समय अपने कृषि संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है।
दीपावली का दार्शनिक महत्व
दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरा, प्रकाश पर विजय प्राप्त करता है और असत्य, सत्य पर विजय प्राप्त करता है। ज्ञान और कर्तव्य का एकजुट प्रकाश अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है, चाहे अंधेरा कितना भी घना क्यों ना हो।
दिवाली से लाभ
दिवाली मात्र एक त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ वातावरण की भी शुद्धि हो जाती है,आपसी सदभावना की वृद्धि तथा नए कार्य व नए योजनाओं का आरंभ करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।
दिवाली से हानि
मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पूर्ण) विचारों और अज्ञानता से किसी लाभप्रद रीति-रिवाज को भी हानिकारक बना देता है। आज भी दिवाली पर जुआ खेलने और शराब पीकर, अपने विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार फायदे के स्थान पर हानि देता है।
देश में अरबों रुपये का बारूद पटाखों के रूप में फूंक दिया जाता है, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं और वातावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।
दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार
दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज है।
1. धनतेरस
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन लोग पुराने बर्तन को बदलकर नए बर्तन खरीदते है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि। इसके अलावा इस दिन नए वस्त्र, दीपावली पूजन हेतु लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और भी बहुत सारी चीज़े खरीदते है।
2. नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी दीपावली के पांच दिनों में से दूसरे दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार महापर्व दिवाली के एक दिन पहले मनाया जाता हैं, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इसे नरक से मुक्ति पाने वाला त्यौहार कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसीलिए उनके जीत के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए। इसी कारण इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता हैं।
3. दिवाली
संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्या लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगो के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी त्योहारों को ख़ुशी के साथ मनाया जाता है।
4. गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है। इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। कहां जाता है कि जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्रा देव के अहंकार के कारण होने वाली मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है।
5. भाई दूज
यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।
भारत में दीपावली कैसे मनायी जाती है?
दीपावली को भारतवर्ष में लोग अपने घरों और दफ्तरों को सुन्दर दीयों,बल्ब के लड़ियों और लाइटों से सजाते हैं। घरो में अनेक प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है। इस त्यौहार को मिठाई और पटाखों की फुलझड़ियों के द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार में बाजारों में कई प्रकार की मिठाइयों की भरमार होती है और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहार के समय में बहुत भीड़ भरी रहती है। सभी लोगो के द्वारा यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दिवाली की शुभ अवसर में लोगो के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी की जाती है।
प्रदूषण मुक्त दीपावली
हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Eco-Friendly Diwali) मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए ना की पटाखे फोड़ कर। दिया जलाने से हमारा वातावरण भी शुद्ध होता है। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं। पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।
दीपावली पर 10 लाइन निबंध (10 Lines on Diwali Festival)
आइये सीखते हैं, दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें?
- दीपावली हिंदूओ का प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
- दिवाली का भारत की संस्कृति तथा परम्परा को दर्शाता है।
- दिवाली को दीपकों का त्यौहार भी कहा जाता है, मिट्टी के दीये जलाये जातें हैं।
- दीपावली श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटने की ख़ुशी तथा उनके स्वागत में मनाई जाती है।
- दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
- दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि घर में ऋद्धि- सिद्धिं बनी रहे।
- दीपावली में सभी लोग अपने घरों को अनेक प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
- दीपावली के दिन पटाखे, फुलझड़ी, आदि जलाकर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- दीवाली की शाम सभी लोग अपने आस पड़ोस अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं।
- दीपावली का पर्व हमे बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश देता है।
आशा करते हैं कि आपको दीपावली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) पसंद आया होगा और आपके कक्षा में होने वाले निबंध प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं में यह दीपावली पर निबंध (Diwali Essay) सहायक होगा। अब विद्यार्थियों से अनुरोध है कि इसकी प्रैक्टिस करें और स्वयं के अनुभव पर “आपने दीपावली कैसे मनाई” पर निबंध (How you celebrate Diwali essay) खुद से लिखिए। – Thanks form Team Curious Kids Kingdom