रक्षाबंधन पर निबंध | रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में | Essay on Raksha Bandhan in Hindi | Raksha Bandhan Essay in Hindi |Raksha Bandhan Essay for Students
रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi):
रक्षाबंधन हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई और बहन के प्यार और संबंध का विशेष अवसर माना जाता है। इसी कारण इसे भाई-बहन का पर्व भी कहा जाता है। इसके साथ ही, रक्षाबंधन समाज में भाई-बहन के प्यार और भरोसे को भी दर्शाता है। रक्षा बंधन का अर्थ होता है “सुरक्षा का बंधन” और इसका महत्व हमें यह सिखाता है कि हमें अपने प्रियजनों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए और उनके साथ उनके हर मोड़ पर खड़े रहना चाहिए। आज हम रक्षाबंधन पर निबंध लिखेंगे जिससे आपको रक्षाबंधन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और आप जानेंगे रक्षाबंधन पर निबंध कैसे लिखें? रक्षाबंधन की सच्चाई क्या है? यह रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है उस पर निबंध लिखें? यह लघु निबंध विभिन्न कक्षाओं जैसे Class 1, Class 2, Class 3, Class 4 और Class 5 में भी रक्षाबंधन पर पैराग्राफ या रक्षाबंधन निबंध लेख लिखने में आपकी मदद करेगा। आइये शुरू करते हैं Essay on Raksha bandhan in hindi
रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Rakshabandhan in Hindi)
प्रस्तावना
रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है, जिसे राखी का त्यौहार भी कहा जाता है। रक्षाबंधन पर बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है। इसके साथ ही बहन भाई से अपनी सुरक्षा का वचन लेती है। रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
रक्षाबंधन मनाने की परंपरागत विधि
रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। इस पर्व पर पहले बहन सुबह स्नान करके पूजा की थाल सजाती है। पूजा की थाल में राखी, रोली, अक्षत, दीपक तथा मिठाई रखी जाती है। तत्पश्चात घर के पूर्व दिशा में भाई को बैठा कर उसकी आरती उतारी जाती है। सिर पर अक्षत डाला जाता है, माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है, और फिर कलाई पर राखी बांधी जाती है, और अंत में मीठा खिलाया जाता है। इसके बाद भाई अपनी बहनों को दक्षिणा स्वरुप पैसे या उपहार देते हैं, साथ ही साथ उनकी सुरक्षा करने का वचन लेते हैं। भाई के छोटे होने पर बहनें भी भाई को उपहार देती हैं।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन के महत्व को समझने के लिए सबसे पहले इस के अर्थ को समझना होगा। रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा + बंधन अर्थात एक ऐसा बंधन जो रक्षा का वचन ले। यह पर्व भाई-बहन के रिश्तो की अटूट डोर का प्रतीक है। शास्त्रों में रक्षाबंधन का अत्यंत महत्त्व बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों में भी कई जगह उल्लेख मिलता है कि देवता भी इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि सावन माह की पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में बांधे गए रक्षा सूत्र का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है।
बहनों द्वारा अपनी भाइयों की कलाई में बांधी गई इस राखी के प्रभाव से भाइयों की हर संकटों से रक्षा होती है। उन्हें देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षाबंधन का उल्लेख हमारी पौराणिक कथाओं व महाभारत ग्रन्थ में भी मिलता है। इसका एक उदाहरण कृष्ण और द्रौपदी को माना जाता है। कृष्ण भगवान ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान कृष्ण के बाएं हाथ की अंगुली से खून बह रहा था, जिसे देखकर द्रौपदी बेहद दुखी हुई और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की अंगुली में बांधा, जिससे उनका खून बहना बंद हो गया। तब से कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी बहन स्वीकार कर लिया था। कई वर्षों बाद जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार गए थे और भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब कृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी की लाज बचाई थी और अपने भाई होने के वचन को निभाया। कहते हैं जिस दिन द्रौपदी ने श्री कृष्ण की कलाई में साड़ी का पल्लू बांधा था, वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। रक्षाबंधन हिंदू धर्म के उन त्योहारों में शुमार है, जो अपने आप में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए है। इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्यौहार की शुरुआत की लगभग 6000 साल पहले बताई गई है। इसके कई प्रमाण इतिहास के पन्नों में दर्ज है। रक्षाबंधन का एक महत्वपूर्ण प्रमाण रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूं भी हैं।
आधुनिक युग में प्यार के धागे का महंगी मोतियों में बदल जाना
स्वयं को नए जमाने का दिखाने के लिए हम शुरू से हमारी सभ्यता को पुराना फैशन कह कर बुलाते हैं। हमारी पूजा पद्धति भी बदली है। रक्षाबंधन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण धागा होता है जिसे महिलाएं भावपूर्ण होकर भाई की कलाई पर बांधती है किंतु आज बाजार में अनेक प्रकार की महँगी मोती माणिक्य जड़ित राखी उपलब्ध है। जिनमें कुछ तो सोने चांदी से बनी हुई है। धागे के प्यार से बना यह बंधन धीरे-धीरे दिखावे में बदलता जा रहा है। अतः अपने संस्कृति की रक्षा करने हेतु हमें हमारे पर्वों के रीति रिवाज में परिवर्तन नहीं करना चाहिए और राखी के पर्व की महत्वता बनाए रखनी चाहिए।
निष्कर्ष / उपसंहार
रक्षाबंधन हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्यौहार को भावपूर्ण होकर और हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। रक्षाबंधन के पर्व में भाई-बहनों के परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना निहित है। जब एक स्त्री किसी भी पुरुष को अपना भाई मानकर राखी बांधती है और उसकी लंबी आयु की प्रार्थना करती है, तो वह पुरुष जन्म जन्मांतर के लिए उसका भाई बन जाता है और उस राखी के बदले बहन की रक्षा करने का वचन देता है। व्यवसायिक या व्यक्तिगत कारणों से कई भाई-बहन एक-दूसरे से मिल नहीं पाते, लेकिन इस खास मौके पर वे एक-दूसरे के लिए समय निकालकर इस पवित्र पर्व को मनाते हैं, जो इसकी महत्ता को दर्शाता है। हमें इस महान और पवित्र त्योहार को संरक्षित करते हुए इसे अच्छे मन से मनाना चाहिए।
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आशा करते हैं कि आपको रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Rakshabandhan in Hindi) पसंद आया होगा और आपके कक्षा में होने वाले निबंध प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं में यह रक्षाबंधन पर निबंध (rakshabandhan essay) सहायक होगा। अब विद्यार्थियों से अनुरोध है कि इसकी प्रैक्टिस करें और स्वयं के अनुभव पर रक्षाबंधन पर निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) खुद से लिखिए। – Thanks form Team Curious Kids Kingdom