स्वर्ण मंदिर पर 10 लाइन हिंदी में | Essay on Golden Temple | स्वर्ण मंदिर पर 10 वाक्य
स्वर्ण मंदिर पर 10 लाइन / वाक्य : 10 Lines on Golden Temple हिंदी में लिखने को अक्सर विभिन्न कक्षाओं में पूछा जाता है। आज हम स्वर्ण मंदिर पर 10 लाइन निबंध लिखेंगे जिससे आपको स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और आप जानेंगे स्वर्ण मंदिर में किसकी पूजा होती है? स्वर्ण मंदिर की कहानी क्या है? गोल्डन टेंपल क्यों प्रसिद्ध है? स्वर्ण मंदिर क्या सोने का है? यह लघु निबंध विभिन्न कक्षाओं जैसे Class 1, Class 2, Class 3, Class 4 और Class 5 में भी स्वर्ण मंदिर पर पैराग्राफ या निबंध लेख लिखने में आपकी मदद करेगा। आइये शुरू करते हैं 10 lines about golden temple in Hindi.
स्वर्ण मंदिर पर 10 लाइन निबंध (10 Lines on Golden Temple)
- स्वर्ण मंदिर सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है।
- स्वर्ण मंदिर ‘हरिमंदिर साहिब’ के नाम से भी जाना जाता है और यह सिखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है।
- गुरु अर्जन देव ने स्वर्ण मंदिर के निर्माण की शुरुआत करवाई थी।
- स्वर्ण मंदिर का गुम्बद सोने से ढका हुआ है इसीलिए इसे स्वर्ण मंदिर या गोल्डन टेम्पल कहते हैं।
- यह गुरुद्वारा शिल्प सौंदर्य की अनूठी मिसाल है।
- मुगलों तथा अफगान आक्रमणकारियों ने इसे कई बार नष्ट करने की कोशिश की इसके बावजूद भी सिखों द्वारा गुरुद्वारे का बार-बार पुनर्निर्माण किया गया।
- स्वर्ण मंदिर का विध्वंस आज़ादी के बाद भी ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान हुआ था, जो उग्रवादी सिख जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके अनुयायियों को हटाने के भारतीय सैना द्वारा किया गया था।
- स्वर्ण मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर (भंडारा) लगता है, जहां पर लाखों लोग एक साथ भोजन करते है।
- स्वर्ण मंदिर में प्रत्येक दिन लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते है।
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स्वर्ण मंदिर पर निबंध (Essay on Golden Temple in Hindi 150-200 Words)
स्वर्ण मंदिर, जिसे हम स्वर्ण हरमंदिर या हरमंदिर साहिब के नाम से भी जानते हैं, भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है। इसे अंग्रेजी में गोल्डन टेम्पल भी कहते हैं। यह सिख समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह सिख धर्म के प्रमुख गुरु, गुरु अर्जुन देव जी द्वारा बनवाया गया था और बाद में महाराजा रणजीत सिंह ने इसका संगमरमर और सोने से इसका पुनर्निर्माण करवाया।
स्वर्ण मंदिर का नाम इसकी विशेषता को दर्शाता है, क्योंकि इस मंदिर अर्थात गुरूद्वारे के भवन पर लगा हुआ स्वर्ण का मनोहारी दर्शन सभी के मन को मोह लेता है। विशेष कर सुबह के समय यह बड़ा चमकीला लगता है और यह दृश्य अत्यधिक मनमोहक होता है। स्वर्ण मंदिर के पास स्थित सरोवर “अमृत सरोवर” भी बहुत महत्वपूर्ण है लोग यहाँ आकर स्नान करते हैं जिससे उनकी मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है।
स्वर्ण मंदिर को सर्वत्र समानता की भावना को प्रकट करने वाले स्थल के रूप में भी माना जाता है। यहाँ के सामुदायिक रसोई की भोजन की सेवा, जिसे “लंगर” कहा जाता है, सभी जातियों, धर्मों और वर्गों के लोगों के लिए उपलब्ध है और यह एकता और समरसता का प्रतीक है।
स्वर्ण मंदिर का सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला होना और इसकी सुंदरता, भव्यता, और धार्मिक महत्व के कारण यह एक आकर्षण स्थल है। यहाँ आकर लोग शांति और आत्मा की शुद्धता का अनुभव करते हैं। यही कारण है कि लाखों लोग यहाँ आत्मा को शांति पाने आते हैं जिन्हें यहाँ आकर इसके धार्मिक महत्व का एहसास होता है। यह स्थल एक आध्यात्मिक और धार्मिक धरोहर है और भारतीय संस्कृति की महानता को प्रकट करता है।