सम्राट अशोक पर 10 लाइन हिंदी में (Short Essay on Samrat Ashok)
सम्राट अशोक के बारे में 10 वाक्य हिंदी में लिखने को अक्सर विभिन्न कक्षाओं में पूछा जाता है। आज हम सम्राट अशोक पर 10 लाइन निबंध लिखेंगे जिससे आप सब को अशोक महान के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। यह लघु निबंध विभिन्न सरकारी नौकरी की परीक्षाओं और कई प्रतियोगिताएं में भी आपकी मदद करेगा। आइये शुरू करते हैं Samrat Askhok ke baare me 10 lines hindi me।
सम्राट अशोक पर 10 लाइन हिंदी में (10 lines on Ashok in Hindi) (Set -1)
- अशोक का राजकाल ईसा पूर्व 269 से 232 प्राचीन भारत में था।
- सम्राट अशोक भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट थे।
- उनका जन्म मौर्य वंश में पाटलिपुत्र में हुआ।
- वह मौर्य वंश के संस्थापक सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के पोते थे।
- अशोक शब्द का अर्थ है- ‘शोकरहित,’ जो हर तरह के शोक से मुक्त हो।
- कलिंग युद्ध के बाद इन्होने बौद्ध धर्म अपना लिया था और अहिंसा की राह पर चलने लगे।
- उन्होंने बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को फैलाने और इसे विश्व धर्म के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- सम्राट अशोक बचपन से ही सैन्य गतिविधियों में बहुत तेज़ थे।
- सम्राट अशोक द्वारा स्थापित 13 शिलालेख काफी प्रसिद्ध है।
- सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहा जाता था।
यह भी पढ़े: महान व्यक्तित्व पर 10 लाइन 2023 (10 Lines on Famous Personalities in Hindi)
सम्राट अशोक पर 150 शब्द का निबंध (Essay on Samrat Ashok in 150 Words)
सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के महान राजा थे, जिनका शासन 3वीं सदी ईसा पूर्व में था। उनका जन्म मौर्य वंश में हुआ था। वे चंद्रगुप्त मौर्य के पोते और बिंदुसार के पुत्र थे। सम्राट बनने के बाद उन्होंने अपने शासनकाल में अनेक सुधार किए, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण था उसनका शासन और अहिंसा का प्रोत्साहन करना।
उन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया और उनकी धर्मनीतियों का प्रमुख प्रतीक सारनाथ में शापित किया। उनके द्वारा स्थापित सारनाथ का प्रसिद्ध शिलालेख भाषा के इतिहास में महत्वपूर्ण क़दमों में से एक हैं। सम्राट अशोक के शासनकाल में भारतीय समाज में धर्म, शिक्षा, और कला के क्षेत्र में विकास हुआ।
उनके प्रेरणास्त्रोत चंद्रगुप्त मौर्य थे जिन्होंने भी भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका शासनकाल भारतीय इतिहास के स्वर्ण युग में गिना जाता है, जिसने भारतीय समाज को सशक्त और विकसित किया। इसीलिए अशोक को चक्रवर्ती सम्राट अशोक भी कहा जाता है।