चंद्रयान 3 पर 10 लाइन | चंद्रयान 3 पर निबंध | चंद्रयान-3 पर 10 वाक्य हिंदी में | Essay on Chandrayaan -3 in Hindi | 10 Lines on Chandrayaan 3 in Hindi | 10 Points on Chandryaan 3 in Hindi | Important Facts about Chandrayaan 3 in Hindi
10 Lines on Chandrayaan 3 (चंद्रयान 3 पर 10 लाइन): आज हम चंद्रयान 3 के बारे में 10 पंक्तियों का निबंध लिखेंगे। प्रिय पाठकों, आजकल हमारे देश में चंद्रयान -3 मिशन को लेकर सभी लोग बात कर रहे हैं। जैसा की आप जानते हैं कि मिशन चंद्रयान 3 हमारे भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है। आज हम चंद्रयान 3 मिशन से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी 10 पंक्तियों में आप लोगो के साथ साझा करेंगे ताकि आप लोग भी इस महत्वाकांक्षी मिशन से जुड़े। इस महत्वपूर्ण चंद्रयान 3 पर निबंध से आप सब को अनेकों जानकारियॉं मिलेंगी जैसे चंद्रयान 3 मिशन क्या है in Hindi? क्या चंद्रयान 3 लैंड हो गया है? चंद्रयान 3 की स्पीड कितनी है? क्या चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था? चंद्रयान 3 को चांद पर क्यों भेजा गया? चंद्रयान 3 कब लॉन्च हुआ था? इस जानकारी का उपयोग आप अपने स्कूल में चंद्रयान-3 पर 10 निबंध, भाषण या पैराग्राफ लेखन में भी कर सकते हैं। तो आइये शुरु करते हैं, चंद्रयान 3 पर 10 लाइन (10 Lines on Chandryaan 3 in Hindi)
चंद्रयान-3 पर 10 लाइन हिंदी में: 10 lines on Chandrayaan 3 (Set -1)
- चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन है।
- इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बनाया है।
- इसे भारत के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र प्रक्षेपित किया जायेगा।
- चंद्रयान-3 मिशन में सफलता मिलने पर भारत अमेरिका, चीन और रूस के बाद चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।
- यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अनुवर्ती प्रयास होगा क्योकिं चंद्रयान-2 मिशन 2019 में चंद्रमा की सतह पर वांछित सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने में विफल रहा था।
- चंद्रयान-3 चंद्रमा के भूमध्य रेखा के कुछ डिग्री उत्तर या दक्षिण में उतरने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान के विपरीत, चंद्र दक्षिणी ध्रुव के करीब धीरे-धीरे उतरने (soft landing) वाले पहले मिशन के रूप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करना चाहता है।
- चंद्रयान-3 तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है जो LVM3 लांचर के चौथे परिचालन मिशन (M4) में उड़ान भरेगा।
- चंद्रयान-3 में विफलता-आधारित डिज़ाइन का विकल्प चुना गया है, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि क्या विफल हो सकता है और इसे कैसे सुरक्षित रखा जाए और एक सफल लैंडिंग सुनिश्चित की जाए।
- यह 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरेगा क्योंकि साल के इस समय में पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे के करीब होते हैं।
- चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह का पता लगाना, वैज्ञानिक प्रयोग करना और चंद्रमा के भूविज्ञान और उसके विकास के बारे में मूल्यवान जानकारी इकट्ठा करना है।
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चंद्रयान-3 पर 10 वाक्य निबंध: 10 lines on Chandrayaan 3 (Set -2)
- चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 के बाद चंद्रयान-3 भारत का तीसरा Lunar Mission है।
- इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) द्वारा लांच किया गया है।
- चंद्रयान-2 की विफलता के लगभग चार साल बाद चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ है।
- प्रक्षेपण यान मार्क 3 (LMV 3) रॉकेट चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले गया।
- चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे IST पर अंतरिक्ष में भेजा गया है।
- चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR से लॉन्च किया गया।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रयान-3 पर करीब 77 मिलियन डॉलर की लागत आई है।
- चंद्रयान-3 का मुख्य लक्ष्य सतह पर सुरक्षित रूप से उतरना, रोवर कैसे काम करता है यह दिखाना और सतह पर वैज्ञानिक परीक्षण करना है।
- चंद्रयान-3 23 अगस्त या 24 अगस्त को चन्द्रमा की सतह पर उतरेगा।
- पेलोड (प्रज्ञान) चंद्रमा की सतह पर 5 किलोमीटर तक, 10 दिनों तक चलेगा और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
चंद्रयान-3 पर निबंध हिंदी में (Essay on Chandrayaan 3 in Hindi)
चंद्रयान 3 (Chandrayaan – 3) एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है, जिसके माध्यम से भारत अपना दूसरा कदम चांद की ओर बढ़ाने जा रहा है। भारत द्वारा इससे पहले भी चन्द्रमा पर अपना झंडा या फहराया गया है, लेकिन अब दोबारा चन्द्रमा से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए chandrayaan-3 को लांच किया गया है। इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान 3 को पूरी तरह भारतीय टेक्नोलॉजी पर बनाया है। वैज्ञानिकों द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि 40 दिनों के भीतर चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित प्रवेश करेगा। इसके पहले भारत का चंद्रयान 2 मिशन मिशन सफलता पूर्वक चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद, अंतिम समय में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में सफल नहीं हो पाया था, जिससे सीख लेते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण किया है।
चंद्रयान 3 मिशन क्या है?
चंद्रयान – 3 चन्द्रमा पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा तैयार किया गया तीसरा चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर होगा, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। क्योंकि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अभी भी अच्छे से काम कर रहा है। यह मिशन चंद्रयान 2 की अगली कड़ी है, जो अंतिम समय में विफल हो गया था। इस बार भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद्रयान २ के असफल होने के कारणों पर रिसर्च किया और सारे सुधर करने के बाद, सॉफ्ट लैन्डिंग का पुनः सफल प्रयास करने इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था।
चंद्रयान -3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे निर्धारित किया गया था और इसे सफलता पूर्वक प्रमोचित भी किया गया।
चंद्रयान 3 मिशन की मुख्य बातें:
10 से 15 वर्षों की लगातार मेहनत का परिणाम है कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान मिशन प्रस्तावित किया। इस मिशन के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव भाग पर चंद्रयान 3 को उतारने की कोशिश की जा रही है। विश्व का कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय भाग पर नहीं पंहुचा है। अतः यह पहली बार होगा कि चन्द्रमा की दक्षिण भाग में क्या है, ये पता चल सके।
Chandrayaan 3 पूरी तरह भारतीय तकनीक पर बना हुआ स्वदेशी मिशन है। यह एक multi-part मिशन है। Chandrayaan-3 में एक लैंडर जिसका नाम विक्रम है, शामिल किया गया है, जो चंद्रयान को सुरक्षित तरीके से चंदमा की सतह पर उतारेगा। चन्द्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए इसमें एक रोवर, जिसका नाम प्रज्ञान है, लगाया गया है। प्रज्ञान चांद की सतह एवं वहां मौजूद सभी चीजों पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। चंद्रयान-3 में 7 पेलोडलगे हैं जिनमे से 4 पेलोड लैंडर विक्रम के साथ जुड़े हुए हैं, 2 रोवर प्रज्ञान के साथ और 1 प्रॉप्लशन मॉड्यूल के साथ जोड़े गए हैं। लैंडर और रोवर से जुड़े 6 पेलोड चन्द्रमा की सतह पर जाकर विभिन्न अध्ययन करेंगे। प्रॉप्लशन मॉड्यूल के साथ गया पेलोड चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेगा।
चंद्रयान 3 भारत के लिए एक ऐतिहासिक और अति-महत्वकांक्षी स्पेस मिशन है। इस मिशन की सफलता से, भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा। अब तक केवल तीन देश ही चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर पाए हैं जिनमे रूस (तत्कालीन सोवियत संघ), अमेरिका और चीन शामिल हैं। चंद्रयान 3 के सफल होने से भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
मिशन चंद्रयान 3 का प्रमुख उद्देश्य
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने तीन प्रमुख लक्ष्य के साथ चंद्रयान 3 के लांचिंग की योजना बनाई है:
- प्रथम और सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण लक्ष्य है, Chandrayaan 3 की चंद्रमा के सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करवाना
- दूसरा प्रमुख उद्देश्य है कि चंद्रयान 3 का रोवर, प्रज्ञान चन्द्रमा की सतह पर चल सके
- तीसरा प्रमुख उद्देश्य चन्द्रमा की सतह और वह के वातावरण का वैज्ञानिक परीक्षण करना है
चंद्रयान-3 सैटेलाइट के मुख्य भाग
चंद्रयान -3 चंद्रमा पर भेजे जाने वाली तीसरी सैटेलाइट है, और इस सैटेलाइट की लागत लगभग 600 करोड़ से अधिक है। यह हमारे वैज्ञानिकों और भारत सरकार की मजबूत स्पेस (अंतरिक्ष अनुसंधान) नीति का परिणाम है कि चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित होकाल चंद्रमा पर पहुंचने के लिए निरंतर अग्रसर है। चन्द्रयान – 3 का कुल वजन 3900 किलोग्राम है, जिसमें प्रोपल्शन मॉड्यूल का वजन 2148kg है और लैंडर मॉड्यूल का वजन लैंडर मॉड्यूल: 26 किलो के रोवर सहित 1752 किलोग्राम है।
इसरो द्वारा संचालित चंद्रयान 3 सैटेलाइट के तीन प्रमुख हिस्से हैं, इन्हें अंग्रेजी भाषा में मॉड्यूल भी कहा जाता है।
- उड़ने वाला हिस्से – प्रोपल्शन मॉड्यूल
- नीचे उतरने वाला हिस्सा – लैंडर मॉड्यूल
- जानकारी जुटाने वाले हिस्सा – रोवर मॉड्यूल
Chandrayaan-2 का एक हिस्सा जिसे ऑर्बिटर कहते हैं, अब तक सही तरीके से काम कर रहा है इसलिए इस बार Chandrayaan-3 के साथ नया ऑर्बिटर नहीं जोड़ा गया है।
प्रोपल्शन मॉड्यूल
चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल, जिसका उपयोग रिले उपग्रह के रूप में किया गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान को पूरी शक्ति से उड़ने की सहायता प्रदान करता है, जिसकीसहायता से चंद्रयान 3, पृथ्वी से अंतरिक्ष तक पहुंच पाएगा। चंद्रमा पर पहुंच जाने के बाद इस यूनिट का काम खत्म हो जाएगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर युक्त ढांचे को तब तक अंतरिक्ष में धकेलता रहता है, जब तक कि चंद्रयान 3, चंद्रमा की कक्षा में न पहुँच जाए। प्रोपल्शन मॉड्यूल के साथ, लैंडर के अलावा, चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) और पोलारिमेट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए SHAPE (Spectro-polarimetry of Habitable Planet Earth) नामक एक पेलोड भी जोड़ा गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में लैंडर और रोवर से संपर्क बनाए रखने के लिए लगातार चक्कर लगाता रहेगा।
लैंडर
चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम विक्रम है। लैडर मॉड्यूल का काम चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। यह अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर उतरेगा। चंद्रयान-2 के विक्रम के विपरीत, जिसमें पांच 800 न्यूटन इंजन थे और पांचवां एक निश्चित थ्रस्ट के साथ केंद्रीय रूप से लगाया गया था, चंद्रयान-3 के लैंडर में केवल चार थ्रॉटल-सक्षम इंजन होंगे, इसके अतिरिक्त, चंद्रयान-3 लैंडर लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर (एलडीवी) से लैस होगा। चंद्रयान-2 की तुलना में इम्पैक्ट लेग्स को मजबूत बनाया गया है और उपकरण की खराबी का सामना करने के लिए एक से अधिक उपाय किए गए हैं।
रोवर
चंद्रयान-3 के रोवर का नाम प्रज्ञान है। चन्द्रमा की सतह पर लैंड करने के बाद रोवर का काम शुरू होगा। यह चन्द्रमा की सतह पर खुदाई करके वह की मिटटी, वातावरण, खनिज आदि का परिक्षण करेगा और साथ में उनके और भी प्रयोग करेगा। रोवर हमें अनेक जानकारियां जुटा कर देगा। रोवर के अंदर चार चक्के लगे हुए रोबोट होता है जो चन्द्रमा की सतह पर भ्रमण काने में सक्षम है। रोवर चंदमा पर घूमेगा, फोटो खींचेगा, वीडियो बनाएगा अर्थात यह बैटरी रहने तक इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रमा की संपूर्ण जानकारी पहुंचाएगा।
चंद्रयान 3 मिशन, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO ) द्वारा तीसरी बार चन्द्रमा पर पहुंचने का प्रयास है। 22 अक्टूंबर 2008 को भेजा गया पहला चंद्रयान मिशन सफल रहा था। उसने चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के पूर्व में लगाए गए अनुमानों से कहीं ज्यादा सटीक जानकारी दी। 22 जुलाई 2019, को भरतिया वैज्ञानिकों ने चन्द्रमा पर जाने की दोबारा कोशिश की, लेकिन Chandrayaan-2 तकनीकी खराबी के कारण चांद की सतह से भटक गया और चंद्रयान 2 मिशन असफल रहा। अब 4 सालों के बाद तीसरी बार चंदमा पर पहुंचने के लिए चंद्रयान 3 मिशन लांच किया गया है। यदि Chandrayaan-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड हो जाता है, तो यह भारतीय वैज्ञानिकों, भरत सरकार और समस्त भारतवासियों के लिए बहुत गर्व की बात होगी। चन्द्रमा पर पहुंचने वाले देशों में भारत का चौथे स्थान पर होगा एवं भारत के वैज्ञानिकों को देश दुनिया में एक अलग पहचान मिलेगी। हम सभी भारतवासी और विज्ञान से जुड़े और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि रखने वाले लोगों के शुभकामनाएं मिशन चंद्रयान 3 के साथ हैं।
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चंद्रयान 3 से जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर: (Mission Chandryaan 3 Updates)
चंद्रयान 3 अभी कहां है? (Where is Chandryaan 3 Now?)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ट्वीट में बताय है कि चंद्रयान 3 पृथ्वी की कक्षा से निकल कर चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चूका है। यह चंद्रमा की सतह के और नजदीक जा रहा है। ऑर्बिट परिवर्तन की इस प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है। अगला ऑर्बिट चेंज ऑपरेशन 14 अगस्त, 2023 को 11:30 से 12:30 बजे के बीच निर्धारित है।
चंद्रयान 3 की गति कितनी है? (Speed of Chandryaan 3)
चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा छोड़ कर चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है, ISRO ने 5 अगस्त 2023 को यह जानकारी दी कि चंद्रमा केऑर्बिट में चंद्रयान-3 को पहुंचा दिया गया है। चंद्रयान 3 की स्पीड के बारे में बात करें तो इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 क्षैतिज रूप से लगभग 6,048 किमी/घंटा की स्पीड से चन्द्रमा के ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है। यह चन्द्रमा के चारों तरफ 174 किमी x 1437 किमी के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा है।
चंद्रमा पर चंद्रयान 3 कब पहुंचेगा?
इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचने में करीब 42 दिन लगेंगे। चंद्रयान 3 की 23 अगस्त को चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
चंद्रयान 3 चन्द्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक कब पंहुचा?
चंद्रयान 3 ने 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 6.04 बजे चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
चंद्रयान 3 ने चन्द्रमा पर मौजूद कौन कौन से तत्वों की खोज की है ?
चंद्रयान 3 के रोवर प्रज्ञान ने सीटू परीक्षण द्वारा अब तक चन्द्रमा पर स्थित ऑक्सीजन, सल्फर, कैल्सियम, क्रोमियम, आयरन, टाइटेनियम, सिलिकॉन आदि तत्वों के मिलने की पुष्टि की है। इसरो के द्वारा यह भी बताया गया है कि अभी हाइड्रोजन के खोज की जा रही है।
लोगो ने यह भी पूछा: (faq on Chandrayaan -3)
चंद्रयान 3 मिशन कब लांच हुआ?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान सगंठन (ISRO) ने 14 जुलाई 2023 को 2:35 pm IST पर चंद्रयान-3 मिशन को लांच किया।
चंद्रयान -3 मिशन क्या है?
चंद्रयान-3 इसरो द्वारा संचालित भारत का लुनार मिशन है। यह चंद्रयान-2 का अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहां उपयोगी परीक्षण करेगा।
चंद्रयान-3 पर 10 लाइन हिंदी में कैसे लिखें?
चंद्रयान-3 भारत का महत्वकांक्षी लुनार मिशन है। आप इस पर 10 वाक्य लिखने के लिए, यह किसके द्वारा संचालित है? इसकी उपयोगिता, इसकी तकनीक, इसके पहले का चंद्रयान -२ मिशन, इसके लांच की तारीख, इसके फायदे आदि लिखकर, चंद्रयान – 3 पर 10 लाइन्स आसानी से लिख सकते हैं।