आर्यभट्ट पर 10 लाइन (Short Essay on Aryabhatta)
आर्यभट्ट पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में (Set -1)
- आर्यभट भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे।
- आर्यभट्ट का जन्म 476 ईसा पूर्व हुआ, एवं उनकी मृत्यु 550 ईसा पूर्व में हुई थी।
- इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का उल्लेख है।
- आर्यभट्ट के प्रमुख ग्रंथों के नाम हैं: आर्यभटीय, दशगीतिका, तंत्र और आर्यभट्ट सिद्धांत आदि।
- आर्यभट्ट ने शून्य अर्थात जीरो ( 0 ) की खोज की थी।
- उन्होंने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अविष्कार किये।
- आर्यभट महान गणितज्ञ ही नहीं है। वे महान खगोलविद भी थे। जिन्होंने पूरी दुनिया को बताया की पृथ्वी 365 दिन, 6 घंटे, 12 मिनट और 30 सेकेंड में सूर्य का चक्कर पूरा करती है।
- आर्यभट्ट ने अपनी जिंदगी में लगभग 1065 से ज्यादा खोजें की है । इन खोजो की वजह से दुनिया आज अधिक विकसित हो गई है।
- उन्होंने ही बताया कि चंद्रमा और ग्रह सूर्य के परावर्तित प्रकाश से चमकते हैं।
- आर्यभट्ट के द्वारा विशेष योगदान को देखते हुए भारत के प्रथम उपग्रह का नाम उन्हीं के नाम पर “आर्यभट्ट” रखा गया था।
आर्यभट्ट पर 10 लाइन निबंध (Set -2)
- आर्यभट्ट वह व्यक्ति थे जिन्हने पहली बार दुनिया में शुन्य का अविष्कार किया था।
- आर्यभट्ट भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे।
- आर्यभट्ट का जन्म 476 में हुआ था।
- मान्यता है कि आर्यभट्ट का जन्म महाराष्ट्र के अश्मक स्थान पर हुआ था।
- आर्यभट्ट दुनिया के पहले व्यक्तियों में से हैं जिन्होंने प्राचीन काल में बीजगणित का प्रयोग किया थाl
- आर्यभटीय यह रचना आर्यभट्ट द्वारा की गई है l
- यह गणित विषय की किताब है। यह प्राचीन इतिहास के बहुचर्चित किताबों में से एक है।
- गणित और ज्योतिष सिद्धांत पर आर्यभट्ट का गहरा प्रभाव है।
- उन्होनें पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सटीक दूरी का पता लगाया।आर्यभट्ट द्वारा रचित अन्य कृतियाँ दशगीतिका, आर्यभटीय और तंत्र हैं।
- आर्यभट्ट की मृत्यु 550 में हुई थी।
Nice
Nice to read this nibhandh