आदित्य L1 मिशन पर 10 लाइन | आदित्य L1 मिशन के बारे में 10 वाक्य | भारत का सूर्य मिशन | Aditya L1 Mission in Hindi | Essay on Aditya L1 in Hindi | India’s Solar Mission in Hindi | ISRO Solar Mission
आदित्य L1 मिशन पर 10 लाइन (10 Lines on mission Aditya-L1): चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब भारत का पहला सौर मिशन लांच करने की तैयारी में है। इस मिशन का नाम आदित्य – L1 है जिसका उद्देश्य सूर्य और उसके सबसे बाहरी कक्षा लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) का अध्द्ययन करना है। आज हम आपको मिशन आदित्य एल 1 के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हमारे इस Aditya-L1 मिशन पर 10 लाइन के निबंध से आप अनेक प्रश्नो के उत्तर जान सकेंगे जैसेकि आदित्य L1 मिशन क्या है? सूर्य मिशन क्या है? ISRO द्वारा सूर्य अध्ययन हेतु प्रस्तावित मिशन का क्या नाम है? ISRO के आदित्य ए1 मिशन के प्रधान वैज्ञानिक कौन नामित हुए हैं? लैग्रेंज प्वाइंट 1 पृथ्वी से कितनी दूर है? आदित्य L1 मिशन कब लांच होगा आदि। मिशन चंद्रयान 3 की सफलता ने सारे भारतवासियों को अंतरिक्ष और उसमें छुपे रहस्यों के प्रति और भी ज़्यादा उत्सुक कर दिया है। अब सभी जगह भारत के पहले सोलर मिशन की चर्चाएं शुरू हो गयी है। आइये शुरू करते हैं 10 वाक्य मिशन आदित्य के बारे में (Essay on India’s Sun Mission, Aditya L1).
आदित्य L1 मिशन पर 10 लाइन (10 Lines on mission Aditya-L1 in Hindi)
- आदित्य L1, भारत का पहला सोलर मिशन है जिसका मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है।
- अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है।
- L1 पॉइंट पर रहने का मुख्य लाभ यह है कि यहाँ से उपग्रह, बिना किसी भी ग्रहण के प्रभाव के, सूर्य को लगातार देख सकता है और अपना अध्ययन कर सकता है।
- अंतरिक्ष यान आदित्य – एल 1 में सात पेलोड लगे हैं, जो photosphere, chromosphere और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (the corona) का निरीक्षण करेंगे।
- विशेष सुविधाजनक पॉइंट L1 का उपयोग करते हुए, 4 payloads सीधे सूर्य को देखेंगे और शेष 3 पेलोड Lagrange point L1 पर स्थित कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करेंगे।
- इस प्रकार अंतरग्रहीय (interplanetary) माध्यम में solar dynamics के प्रसार का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान करेगा।
- आदित्य L1 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle – PSLV) द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
- 7 पेलोड्स में से VELC मुख्य पेलोड है जो भारत में निर्मित उपकरण है और यह सौर खगोल भौतिकी से संबंधित रहस्यों को सुलझाने में मदद करेगा।
- विश्व का पहला सौर मिशन अमेरीका ने भेजा था और अब तक सफल कुल 22 सौर मिशन में अमेरिका, जर्मनी और यूरोपियन स्पेस रिसर्च एजेन्सी शामिल हैं।
- Aditya L1 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से, सितम्बर के पहले-दूसरे सप्ताह में भेजने की योजना है।
10 Lines on Aditya-L1 Mission in Hindi (Youtube Video)
आदित्य L1 मिशन के मुख्य बिंदु
मिशन प्रकार | सौर अवलोकन |
मिशन अवधि | 5.2 वर्ष |
परियोजना निदेशक | निगार शाजी |
मिशन निदेशक | बीजू एस.आर |
अध्यक्ष, इसरो | एस. सोमनाथ |
लॉन्च दिनांक | 2 सितंबर 2023, 11:50 IST |
रॉकेट | पीएसएलवी-एक्सएल(सी57) |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा |
संस्था | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) |
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